शारदीय नवरात्रि का पर्व प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाया जाता है। यह पर्व शक्ति की आराधना का सबसे बड़ा उत्सव है। 2025 की शारदीय नवरात्रि विशेष होगी क्योंकि इस बार यह कुल दस दिनों की रहेगी।
प्रतिपदा तिथि और कलश स्थापना मुहूर्त
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 22 सितम्बर 2025, रात्रि 12:18 बजे से
- प्रतिपदा तिथि समाप्ति: 23 सितम्बर 2025, रात्रि 01:18 बजे तक
अर्थात 22 सितम्बर का पूरा दिन प्रतिपदा रहेगा। - कलश स्थापना का समय: प्रातः 5:59 से लेकर सायं 6:00 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:28 से 12:28 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त कलश स्थापना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
माँ दुर्गा का आगमन और गमन
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा का आगमन गज (हाथी) पर होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार को गज पर माता का आगमन शुभ और विश्व के लिए कल्याणकारी माना जाता है।
माता का गमन डोली पर होगा, जो सुख और समृद्धि देने वाला फलदायी माना जाता है।
नवरात्रि कितने दिन की होगी
इस बार नवरात्रि दस दिनों की होगी। इसका कारण यह है कि चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रहेगी, अर्थात 25 और 26 सितम्बर को।
जिन्हें माता कुष्मांडा का पूजन करना है, वे 25 या 26 में से किसी भी दिन पूजन कर सकते हैं।
व्रत और पारण
- पूरे नवरात्रि का व्रत करने वाले:
- प्रारंभ 22 सितम्बर से होगा
- पारण 2 अक्टूबर को विजयदशमी पर किया जाएगा
- प्रतिपदा व्रत करने वाले:
- व्रत 22 सितम्बर को रखा जाएगा
- अष्टमी का व्रत 30 सितम्बर को होगा
- पारण 1 अक्टूबर को नवमी पर किया जाएगा
अष्टमी महानिशा पूजन
अष्टमी महानिशा पूजन 30 सितम्बर 2025 को रात्रि 07:55 बजे से प्रारंभ होकर मध्य रात्रि तक चलेगा।
इस दिन कनक धारा स्तोत्र का पाठ करने से स्थिर लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धान-धान्य की वृद्धि होती है।
दिन-प्रतिदिन देवी पूजन क्रम
- प्रतिपदा: 22 सितम्बर, सोमवार – शैलपुत्री
- द्वितीया: 23 सितम्बर, मंगलवार – ब्रह्मचारिणी
- तृतीया: 24 सितम्बर, बुधवार – चंद्रघंटा
- चतुर्थी: 25 सितम्बर, गुरुवार – कुष्मांडा
- चतुर्थी: 26 सितम्बर, शुक्रवार – कुष्मांडा
- पंचमी: 27 सितम्बर, शनिवार – स्कंदमाता
- षष्ठी: 28 सितम्बर, रविवार – कात्यायनी
- सप्तमी: 29 सितम्बर, सोमवार – कालरात्रि
- अष्टमी: 30 सितम्बर, मंगलवार – महागौरी
- नवमी: 1 अक्टूबर, बुधवार – सिद्धिदात्री
विजयदशमी और विसर्जन
नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर 2025 को विजयदशमी के साथ होगा। इस दिन माँ दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा और रावण दहन का आयोजन भी होगा।
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शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व 22 सितम्बर से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस बार नवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि यह दस दिनों की होगी। प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की आराधना होगी, अष्टमी महानिशा पूजन, कन्या पूजन और विजयदशमी इस पर्व को पूर्णता देंगे। माँ दुर्गा का आगमन गज पर और गमन डोली पर होना इस बार के नवरात्रि को और भी शुभ और कल्याणकारी बना देता है।